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सड़क किनारे नहीं बनाए जाते ड्रोन, बिना सरकारी मदद के हमला संभव नहीं

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नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) स्थित जम्मू हवाई अड्डे पर हुए ड्रोन अटैक (Drone Attack) के बाद सुरक्षा एजेसियां चौकन्ना हो गई हैं. इस बाबत राष्ट्रीय और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां जांच पड़ताल कर रही हैं.  इस बीच श्रीनगर में 15 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने संकेत दिए कि पाकिस्तान (Pakistan) स्थित कुछ आतंकी संगठन और वहां की सरकार इस हमले में शामिल हो सकती है. उन्होंने संकेत दिए कि बिना ‘सरकार के समर्थन’ के ऐसा हमला नहीं किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि ड्रोन हमलों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक में ‘सरकारी समर्थन’ और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल हो सकते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बल ऐसे खतरों से सावधान रहेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी और सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए विकल्प और समाधान की तलाश जारी है.

अंग्रेजी समाचार चैनल NDTV के अनुसार जनरल पांडे ने कहा ‘हम अच्छी तरह से जानते हैं कि ये असेट्स और टेक्नॉलॉजी – ड्रोन वारफेयर, ये सब सड़क के किनारे नहीं बनाए जा सकते हैं. ये इस ओर इशारा करते हैं कि इसमें  सरकार के सपोर्ट सिस्टम और टेक्नॉलॉजी शामिल है. ऐसे में सरकार के समर्थन या सरकार की टेक्नॉलॉजी की मदद निश्चित रूप से लश्कर और जैश की ओर इशारा कर रही है.’ इस हमले की जांच के बारे में ज्यादा जानकारी ना देते हुए जनरल पांडे ने कहा कि इस ओर शुरुआती संकेत मिल रहे हैं कि इसमें कुछ सरकारी तत्व शामिल हो सकते हैं.

कहां से ऑपरेट किए गए ड्रोन?
क्या ड्रोन स्थानीय स्तर पर ऑपरेट किए गए या सीमा पार से कोई उन्हें गाइड कर रहा था? यह पूछे जाने पर कि जनरल ने कहा, ‘स्थानीय स्तर पर भी ड्रोन मोडिफाई किए जा सकते हैं. ऐसे हमले करने के लिए किसी मदद से उन्हें स्थानीय स्तर पर मोडिफाई किया जा सकता है.’ बता दें पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान द्वारा सीमा पार हथियार गिराने के लिए ड्रोन का उपयोग करने की खबरें आई हैं.

साल 2019 के अगस्त में अमृतसर के एक गांव में क्रैश्ड ड्रोन मिला था. इसके बाद सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों ने कथित तौर पर खुलासा किया कि राज्य में आठ अलग-अलग ड्रोन उड़ानों में ड्रग्स और हथियार गिराए गए थे. वहीं पिछले साल जून में, बीएसएफ ने जम्मू के कठुआ जिले में एक संदिग्ध जासूसी ड्रोन को मार गिराया था, इसके बाद सीमा पार सुरंगों का एक जाल मिला था.

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