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अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत ने कर दिया अपना स्टैंड क्लियर, अब दूसरे देशों की बारी

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नई दिल्ली
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन का मुख्य मकसद आतंकवाद और कट्टरपंथ से मुकाबला करना है। ऐसे में आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की जरूरत है। आतंकवाद, युद्ध और नशीले पदार्थों से मुक्त अफगानिस्तान के लिए समर्थन का वादा करते हुए, एससीओ में विदेश मंत्रियों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में देश में चल रही हिंसा और आतंकी हमलों की निंदा की।

अफगानिस्तान के लिए भारत ने पेश किया रोडमैप
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करना शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का प्रमुख उद्देश्य है और इसलिए आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना चाहिए। वहीं अफगानिस्तान के मुद्दे पर एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता। भारत ने संघर्षग्रस्त देश के लिए तीन सूत्री रोडमैप पेश किया, जिसमें हिंसा और आतंकवादी हमलों की समाप्ति, राजनीतिक बातचीत के माध्यम से संघर्ष का समाधान और पड़ोसी देशों को सुनिश्चित करने के लिए कदम शामिल है।


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के बड़े हिस्से पर तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच दुशांबे में अफगानिस्तान पर एससीओ विदेश मंत्रियों के संपर्क समूह की बैठक में रोडमैप पेश किया। जयशंकर ने कहा कि विश्व के दूसरे देशों के साथ ही अफगान लोग भी एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकीकृत, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र चाहते हैं। अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता। एक पूरी नई पीढ़ी की अलग-अलग उम्मीदें होती हैं। हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।


LAC पर तनाव के बीच जल्द होगी बातचीत
तजाकिस्तान के दुशांबे में एलएसी के टकराव को लेकर एस जयशंकर और चीन के समकक्ष वांग यी के बीच तकरीबन एक घंटे बातचीत हुई। इस बैठक में LAC पर टकराव के बीच दोनों देश के एक बार फिर से सैन्य स्तर की बातचीच जल्द शुरू करने राजी हुए। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्ष पारस्परिक हितों को ध्यान में रखते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी से संबंधित शेष मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करें। साथ ही द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाए।

क्या है शंघाई सहयोग संगठन SCO
भारत, चीन, पाकिस्तान और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पांच अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को दुशांबे में समूह की एक महत्वपूर्ण बैठक शुरू की, जिसमें अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर ध्यान केन्द्रित किया गया। भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे। भारत और पाकिस्तान के अलावा आठ सदस्यीय एससीओ में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।


एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।

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