गुड़गांव : बैंक के ‘कस्टमर केयर’ से फोन पर होती रही बात, इधर खाते से फुर्र हुए 9.80 लाख रुपये
हाइलाइट्स
- कस्टमर केयर कर्मचारी बन ठग कारोबारी को बातों में उलझाए रहा
- ठग ने कॉल कर बातचीत के दौरान ओटीपी मांगा
- पीड़ित ने ओटीपी देने से मना किया और फोन काट दिया
- इसके बावजूद खाते से रुपये निकलने का मेसेज आया
- बैंक जाकर पता किया तो रकम किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुई
गुड़गांव : किसी भी तरह के कस्टमर केयर कर्मचारी से बात करते वक्त सावधान रहें, पता नहीं कब कोई नकली कर्मचारी आपकी गाढ़ी कमाई लेकर छू-मंतर हो जाए। बेगमपुर खटौला इलाके में रहने वाले एक कारोबारी ऐसे ही एक नकली कस्टमर केयर कर्मचारी के झांसे में आ गए और उनके खाते से एक झटके में ही 9 लाख 80 हजार रुपये निकल गए। साइबर ठग ने उन्हें उनके ही बैंक का कस्टमर केयर कर्मचारी बनकर करीब 15 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उसने उनके मोबाइल पर आया ओटीपी मांगा। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने ओटीपी नहीं दिया और कॉल कट कर दी। इसके बावजूद उनके खाते से रुपये ट्रांसफर हो गए। अब पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है।
पुलिस को ये शिकायत बेगमपुर खटौला निवासी गुरुदत्त ने दी है। इनका पैकर्स एंड मूवर्स और किराये का बिजनेस है। इनका कहना है कि इंडसइंड बैंक में 2 खाते हैं और क्रेडिट कार्ड भी बनवा रखा है। 23 नवंबर को इंडसइंड बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर क्रेडिट कार्ड की स्टेटमेंट के संबंध में बात करने का प्रयास किया। महिला कर्मचारी ने कहा कि कॉल ट्रांसफर कर रही हूं लेकिन 15 मिनट तक होल्ड पर रखकर कॉल कट कर दी। 24 नवंबर को उन्होंने फिर से कस्टमर केयर नंबर पर कॉल की लेकिन बात नहीं हो सकी।
ओटीपी पूछा तो हुआ संदेह
15 मिनट बाद ही एक नए नंबर से इनके पास कॉल आई। उधर से कहा गया कि वह बैंक का कस्टमर केयर कर्मचारी बोल रहा है। उसने क्रेडिट कार्ड के संबंध में शिकायत पर 15 मिनट तक बात की। इस दौरान उसने मोबाइल पर आया ओटीपी मांगा। ओटीपी मांगते ही वह अलर्ट हो गए और समझ गए कि ये कोई ठग है। डन्होंने ओटीपी बताने से इंकार करते हुए कॉल काट दी। उसके करीब 20 मिनट बाद उनके मोबाइल पर मेसेज आया कि खाते से 9 लाख 80 हजार रुपये कट गए हैं।
कारोबारी ने तुरंत ओमेक्स मॉल स्थित इंडसइंड बैंक शाखा के मैनेजर को फोन किया। बैंक से संपर्क कर अपना खाता फ्रीज कराया। बैंक से बताया गया कि एक खाते में ये रुपये ट्रांसफर हुए हैं। जिसके बाद अलग-अलग खातों में ये रुपये भेजे गए। पीड़ित को बताया गया कि इस खाते में 3 लाख रुपये अभी बचे हैं और उसे भी फ्रीज कर दिया गया है। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई है। बादशाहपुर थाने की एसपीआर पुलिस चौकी इंचार्ज एसआई संजीव ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ ठगी के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।