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सिगरेट की लत छुड़ाने वाली, कैंसर और इंफेक्शन की कई दवाएं होंगी सस्ती, ये रही पूरी लिस्ट

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हाइलाइट्स

  • अब मरीजों को पहले के मुकाबले सस्ती दवाएं मिल सकेंगी
  • जरूरी दवाओं की लिस्ट में 34 नईं, 26 को हटाया
  • 2011 की लिस्ट में शामिल थी 348 दवाएं, अब बढ़कर 384 हुईं
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जरूरी दवाओं की राष्‍ट्रीय सूची (NLEM) 2022 जारी की है, जिसमें 27 श्रेणियों में 384 दवाओं को शामिल किया गया है। 7 साल के बाद अपडेट की गई इस सूची में 34 नई दवाएं जोड़ी गई हैं, 26 दवाओं को हटाया भी गया है। कई कैंसर रोधी दवाएं, एंटीबॉयोटिक्स, वैक्सीन, सिगरेट की लत छुड़ाने वाली निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एनआरटी) समेत कई जरूरी दवाओं को इस लिस्ट में जोड़ा गया है। अब मरीजों को पहले के मुकाबले सस्ती दवाएं मिल सकेंगी। वहीं, गैस्ट्रोइंटेस्टनल दवा यानी एंटासिड सॉल्ट रैनिटिडिन और सुक्रालफेट को लिस्ट से बाहर किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि लिस्ट के आधार पर दवाओं की अधिकतम कीमत तय होगी। कोई भी कंपनी अपने हिसाब से दाम नहीं बढ़ा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैंसर के इलाज में काम आने वाली 4 बड़ी दवाओं को लिस्ट में शामिल किया है। बैंडामुस्टिन हाइड्रोक्लोराइड, इरीनोटेकन एचसीआई ट्राईहाईड्रेट, लोनालिडोमाइड और ल्यूप्रोलिड एसीटेट दवाओं के दाम अब कम हो सकेंगे। संक्रमण रोकने में काम आने वाली 18 दवाओं को जोड़ा गया है। बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवाओं के दाम अब कम हो जाएंगे। इवरमेक्टिन को भी लिस्ट में जोड़ा गया है, यह कीड़े मारने की दवा है जो कोरोना के समय में काफी मरीजों को दी गई थी। संक्रमण से बचाव के लिए इट्राकोनेजोल, मुपिरोसिन, टर्बिनाफिन, डेक्लाटेस्टिवर, मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, एमिकासिन, बेडाक्विलाइन, डेलामेनिड, एबीसी डोलटेग्रेविर जैसी दवाओं को जोड़ा गया है।

ऑक्सिजन की कमी से मौतों का ऑडिट हो: समिति
स्वास्थ्य मामलों की एक संसदीय समिति ने कहा है कि अगर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान रोकथाम नीतियों को समय पर लागू करते तो कई जानें बचाई जा सकती थीं। समिति ने ‘ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत’ के मामलों में ऑडिट कराने की भी सिफारिश की है। समिति ने हालात की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाने के लिए सरकार की आलोचना भी की। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि अस्पतालों में ऑक्सिजन और बिस्तरों की कमी, ऑक्सिजन सिलिंडर और दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी देखी गई। केंद्र से सिफारिश की गई कि वह दुनिया के अन्य देशों से वायरस की उत्पत्ति की पहचान करने के लिए और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की अपील करे।

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