मंगल ग्रह पर नासा ने बनाया ऑक्सीजन, पेड़ से कम नहीं है ये गोल्डेन बॉक्स, ऐसे बनाता है प्राणवायु
हाइलाइट्स
- नासा मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन बनाने में कामयाब हुआ
- मंगल पर मौजूद पर्सीवरेंस रोवर के उपकरण ने इसे बनाया
- इस उपकरण के जरिए नासा ने 122 ग्राम ऑक्सीजन बनाया
16 बार बना चुका है ऑक्सीजन
मॉक्सी ने पहली बार अप्रैल 2021 में ऑक्सीजन बनाया था और अब तक 16 बार यह ऐसा कर चुका है। यह उपकरण बेहद एडवांस प्रक्रिया के जरिए ऑक्सीजन बनाता है। इसमें मंगल ग्रह के वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर उसे गर्म कर किया जाता है। फिर कई अन्य प्रकियाओं के जरिए प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु को अलग किया जाता है। सिस्टम लगातार ऑक्सीजन की मात्रा और उसकी शुद्धता पर नजर रखता है। नासा के मुताबिक सबसे अच्छी क्षमता पर यह उपकरण हर घंटे 12 ग्राम ऑक्सीजन बना सकता है, जिसकी शुद्धता 98 फीसदी होगी।
भविष्य में आएगा काम
यह उपकरण सोने की कोटिंग वाला एक क्यूब है, जिसे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने बनाया था। अभी तक इस डिवाइस ने जो काम किया है वह उम्मीद से बेहतर है। MOXIE ने अपना मिशन पूरा कर लिया है और इसका संचालन अब खत्म हो रहा है। हालांकि पर्सीवरेंस रोवर अपना काम करता रहेगा। फिलहाल अभी इसके मिशन की कोई अंतिम तारीख नहीं है। नासा के उप प्रशासक पाम मेलरॉय ने कहा कि MOXIE की सफलता दिखाती है कि मंगल के वातावरण से सांस लेने लायक ऑक्सीजन निकालना संभव है, जो भविष्य में काम आएगा।