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पालघर, सांगली, धार…और अब दुर्ग, बच्चा चोरी के शक में जान लेने पर उतारू भीड़, साधुओं के खिलाफ आखिर कौन रच रहा साजिश?

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हाइलाइट्स

  • छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बच्चा चोर होने के शक में 3 साधुओं की भीड़ ने की पिटाई
  • पिछले महीने महाराष्ट्र के सांगली में भी भीड़ ने यूपी के 4 साधुओं की पिटाई की थी
  • पिछले महीने छत्तीसगढ़ के धामतारी में भी बच्चा चोरी की अफवाह पर 5 साधुओं को भीड़ ने पीटा था
नई दिल्ली : बख्श देने की गुहार लगाते 3 शख्स और जान लेने पर आमादा भीड़। भीड़ जिन लोगों की पिटाई कर रही है, वे भगवा कपड़े पहने हुए हैं। वेशभूषा साधुओं की जैसी है। जो भी आ रहा, बस अंधाधुंध पीट रहा। लात-घूसों से पिटाई कर रहा। भीड़ में कोई चिल्ला रहा- छोड़ना नहीं। यह खौफनाक मंजर है छत्तीसगढ़ के दुर्ग का। बच्चा चोर के शक में भीड़ साधुओं की जान लेने पर उतारू है। इसका वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो 2 साल पहले महाराष्ट्र के पालघर में हुए वाकये की याद दिलाता है। फर्क बस इतना है कि तब खुद पुलिसवाले ही साधुओं को बर्बर भीड़ के हवाले करते दिखते हैं। जबकि दुर्ग के वीडियो में सिर्फ एक पुलिसवाला है जो साधुओं को भीड़ से बचाने की कोशिश करता दिखता है। पालघर में भीड़ साधुओं को पीट-पीटकर मार देती है, जबकि दुर्ग में उनकी जान बच जाती है। पिछले काफी समय से बच्चा चोरी के शक में भीड़ के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। ज्यादातर साधु या मानसिक विक्षिप्त इसका शिकार बन रहे। ऐसे में सवाल ये है कि इसकी वजह क्या है? इसके पीछे साधुओं के खिलाफ किसी तरह की कोई साजिश तो नहीं हैं?

जान लेने पर उतारू भीड़
सबसे पहले बात दुर्ग में साधुओं की पिटाई की। भिलाई 3 थाने के चरोदा गांव में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में तीन साधुओं की बेरहमी से पिटाई की। सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंचती है और किसी तरह तीनों साधुओं को लिंच होने से बचाती है। साधुओं की पिटाई के दौरान ही किसी ने मोबाइल फोन से वीडियो बना लिया जो वायरल हो चुका है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। भीड़ में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। संदिग्धों से पूछताछ चल रही है। घटना के केंद्र में बच्चा चोरी की अफवाह थी। पिछले कुछ दिनों में दुर्ग में बच्चा चोरी के शक में पिटाई की कई घटनाएं हो चुकी हैं। देशभर में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें साधुओं को बच्चा चोर होने की शक में पीटा गया।

पिछले महीने सांगली में भी हुई थी ऐसी ही घटना
पिछले महीने महाराष्ट्र के सांगली में भीड़ ने यूपी से आए 4 साधुओं की बेरहमी से पिटाई की थी। बोलेरो में सवार साधुओं का कसूर इतना था कि उन्होंने एक स्थानीय लड़के से रास्ता पूछ लिया। मथुरा के इन साधुओं को पंधरपुर जाना था। लवांग गांव के पास उन्होंने लोगों से वहां जाने का रास्ता पूछ लिया। फिर क्या था, बच्चा चोर होने के शक में स्थानीय लोगों ने उन्हें धर लिया। देखते ही देखते वहां भारी भीड़ जुट गई। भीड़ साधुओं की जान लेने पर आमादा हो गई। उन्हें पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें भीड़ के चंगुल से बचाकर अस्पताल में पहुंचाई।

सितंबर में छत्तीसगढ़ के धामतारी में 5 साधुओं की पिटाई
कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के धामतारी जिले में भी ऐसी ही घटना हुई थी। 27 सितंबर को भखारा थाना क्षेत्र के गातापार गांव में ग्रामीणों ने बच्चा चोर होने के शक में 5 साधुओं की जमकर पिटाई की थी। जब पुलिस लहूलुहान साधुओं को वैन में बैठाकर ले जाने लगी तब भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। एक पुलिसवाले की वर्दी भी फाड़ डाली। दरअसल, तब एक दिन पहले ही पड़ोसी गांव से एक बच्चा चोरी हुआ था।

बिहार में भी हो चुकी हैं ऐसी कई घटनाएं
पिछले महीने पटना के धनरुआ प्रखंड में भी बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर एक साधु की पिटाई की गई थी। पिछले 2-3 महीनों में बिहार में बच्चा चोरी के शक में पिटाई की एक-दो नहीं बल्कि कई दर्जन घटनाएं हुई हैं। कभी किसी भीख मांगने वाले की पिटाई हुई तो कभी कोई मानसिक विक्षिप्त शिकार बना। कभी किसी साधु की पिटाई हुई तो कभी किसी मजदूर की।

पिछले साल मध्य प्रदेश के धार में 2 साधुओं की पिटाई
पिछले साल जुलाई में मध्य प्रदेश के धार में भी ऐसी ही घटना हुई थी। एमपी और राजस्थान के दो साधु कार में सवार होकर इंदौर से रतलाम जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने सड़क किनारे खेल रहे कुछ बच्चों से रास्ते के बारे में पूछा। अजनबियों को देखकर बच्चे यह सोचकर वहां से भाग गए कि कहीं ये बच्चा चोर तो नहीं हैं। पलभर में पूरे गांव में यह अफवाह उड़ गई कि एक कार में कुछ बच्चा शोर सवार हैं। इसके बाद भीड़ ने साधुओं की गाड़ी रोक दी और उनकी बेरहमी से पिटाई करने लगी। घटना धन्नड़ के नजदीक पीतमपुर में हुई। पिटाई के बाद भीड़ दोनों साधुओं को पुलिस थाने ले गई। उस घटना का वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ था।

अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं की पीट-पीटकर हत्या
अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ ने दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मुंबई से 140 किलोमीटर उत्तर में पालघर के गढ़चिंचले में कल्पवृक्ष गिरि (70), सुशील गिरि महाराज (35) और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगडे (30) को भीड़ ने बच्चा चोर होने की शक में बुर तरह पीटा था। दोनों साधुओं की मौत हो गई। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था।

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सभी घटनाओं में कॉमन लिंक- बच्चा चोरी का अफवाह
पालघर की घटना हो या सांगली की, धार की घटना हो या दुर्ग की…इन सभी घटनाओं में एक बात कॉमन है। साधुओं की पिटाई बच्चा चोर होने के शक में की गई।

कौन रच रहा साधुओं के खिलाफ साजिश?
महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक, मध्य प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक…देश के तमाम राज्यों में बच्चा चोर होने के शक में साधुओं की पिटाई के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऊपर जिन घटनाओं की जिक्र किया गया है, वो चर्चित मामले हैं। इनके अलावा कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनकी राष्ट्रीय मीडिया में कोई खास चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि साधुओं के खिलाफ कहीं कोई साजिश तो नहीं है? ये सारी घटनाएं जहां हुई हैं, वहां पिछले कई दिनों से बच्चा चोरी करने वालों के सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थीं। सोशल मीडिया के इस दौर में अफवाह और भी तेजी से फैलते हैं। फेसबुक, वॉट्सऐप, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया के जरिए ये अफवाह तेजी से फैलती हैं। ऐसे में आपकी भी जिम्मेदारी है कि बिना सोचे-समझे किसी भी मेसेज को फॉरवर्ड न करें। आप तो ये सोचेंगे कि मेसेज फॉरवर्ड करके आप एक अच्छा काम कर रहे, लोगों को आगाह कर रहे हैं लेकिन असल में आप अफवाह को फैलाने में मदद कर रहे होते हैं।

पिछले महीने सांगली में यूपी के 4 साधुओं की पिटाई के मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसके मुताबिक कुछ दिनों पहले एक स्थानीय मस्जिद में कुछ लोग आए थे और ऐलान किया था कि इलाके में कुछ बच्चा चोर सक्रिय हैं। एफआईआर के आधार पर पुलिस ने अरमान, वसीम, असलम, कौसर और शकरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। उसी घटना से जुड़ी दूसरी एफआईआर में सत्येंद्र और अनस नाम के आरोपियों का जिक्र था। उसके मुताबिक, सत्येंद्र और अनस ने स्थानीय लोगों से कथित तौर पर कहा था कि इलाके में एक बच्चा चोर सक्रिय है। ऐसे में जरूरी है कि आप अफवाहों पर आंखमूंदकर भरोसा न करें। हां, सतर्क जरूर रहें लेकिन कानून हाथ में न लें।

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