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कोरोना संकट के बीच रेस्तरां के कारोबार पर इस वजह से मंडराने लगा है खतरा

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हाइलाइट्स:

  • स्थानीय लॉकडाउन की वजह से जरूरी चीजों की दुकान के अलावा तकरीबन सभी कारोबार ठप पड़ गया है।
  • कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति चार-छह महीने जारी रहने पर रेस्तरां कारोबार पर खतरा बढ़ सकता है।
  • आम तौर पर लोग वीकेंड पर ही रेस्तरां में खाने आते थे, लॉकडाउन की वजह से वे घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।

नई दिल्ली
कोरोना के बढ़ते संकट की वजह से देश के कई हिस्से में लॉकडाउन (shut down) किया गया है। इस वजह से जरूरी चीजों की दुकान के अलावा तकरीबन सभी कारोबार ठप पड़ गया है। राज्यों में किए गए स्थानीय लॉकडाउन (shut down) की वजह से लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध और आर्थिक गतिविधियों में कमजोरी की वजह से रेस्टोरेंट बिजनेस (restaurant business) पर काफी असर पड़ा है। पिछले साल किए गए लॉकडाउन के बाद रेस्टोरेंट बिजनेस (restaurant business) धीरे-धीरे रिकवरी की कगार पर था, लेकिन कोरोनावायरस के सेकेंड वेब (second wave) की वजह से अब इस कारोबार पर खतरा मंडराने लगा है।

टेक अवे और डिलीवरी से गुजारा नहीं
कई राज्यों में किए गए लॉकडाउन के बाद हालांकि टेक आउट और डिलीवरी जैसे आर्डर की इजाजत दी गई है, लेकिन रेस्तरां कारोबारियों (restaurant business) को यह डर है कि सिर्फ डिलीवरी की वजह से उन्हें अपने कारोबार को चलाने में मदद नहीं मिलेगी। अगर कोरोना संक्रमण (Covid infection) की मौजूदा स्थिति चार-छह महीने जारी रहती है तो इस वजह से रेस्तरां कारोबार (restaurant business) पर खतरा बढ़ सकता है।

बार-बार बढ़ रहा है लॉकडाउन
देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इस वजह से कई राज्यों ने लॉकडाउन और कर्फ्यू आदि की घोषणा कर दी है। शुरुआत में कई राज्यों में 1 हफ्ते का लॉकडाउन किया गया था, जिसे बार-बार बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां कारोबार काफी प्रभावित हुआ है।

देशव्यापी लॉकडाउन से भी अधिक असर
फर्जी कैफे जैसे रेस्तरां चेन चलाने वाले मैसिव रेस्टोरेंट्स के संस्थापक जोरावर कालरा ने कहा, “देश के कई राज्यों में लगाए गए इस तरह के प्रतिबंध की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन की तुलना में भी अधिक दिक्कत हो रही है। नाइट कर्फ्यू या वीकेंड लॉकडाउन जैसे प्रावधानों की वजह से रेस्तरां कारोबार (restaurant business) का अंकगणित बिगड़ गया है। देश के बड़े शहरों में आम तौर पर लोग वीकेंड पर ही रेस्तरां में खाने आते थे, लॉकडाउन की वजह से अब लोग घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।

धंधा नहीं, फिर भी खुले रेस्तरां
कोरोनावायरस संकट के इस दौर में रेस्तरां में काम करने वाली टीम पर जहां कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा है, वही प्रतियोगियों की वजह से बढ़ रहे दबाव की वजह से ग्राहक खोने का डर भी सता रहा है। कालरा ने कहा कि वित्तीय रूप से लाभदायक नहीं होने के बाद भी बहुत से रेस्तरां कारोबार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। कालरा ने कहा, “कोरोना संक्रमण के सेकंड वेव में रेस्तरां कारोबार की रिकवरी और धीमी रह सकती है।”

जल्द सेकेंड वेव आने से बढ़ी दिक्कत
वास्तव में इस बार देश के चुनिंदा शहरों और राज्यों में लॉकडाउन किया जा रहा है। कोरोना संकट के मौजूदा वेव की वजह से 45 साल से कम उम्र के लोगों को अधिक संक्रमण हो रहा है। स्पेशलिटी रेस्टोरेंट के चेयरमैन अंजन चटर्जी के मुताबिक पिछले साल किया गया देशव्यापी लॉकडाउन हर व्यक्ति के लिए झटके की तरह था, लेकिन लोगों को यह उम्मीद नहीं थी कि कोरोनावायरस का सेकंड वेव इतनी जल्दी आ जाएगा।

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