बलूचों को पाकिस्तानी सेना से जंग की ट्रेनिंग दे रहा टीटीपी, अब क्या करेंगे इमरान खान ?
हाइलाइट्स
- टीटीपी आतंकियों ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकुओं को ट्रेनिंग देना शुरू किया
- तहरीक-ए-तालिबान बीएलए के विद्रोहियों को अपने ट्रेनिंग कैंप में यह प्रशिक्षण दे रहा है
- इस ट्रेनिंग का असर यह हो रहा है कि हाल ही में बीएलए ने पाकिस्तानी सेना पर हमला किया था
इस्लामाबाद
पाकिस्तानी सेना के लिए काल बन चुके टीटीपी आतंकियों ने अपने दुश्मन का खात्मा करने के लिए बलूचिस्तान के विद्रोही गुट बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकुओं को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। तहरीक-ए-तालिबान बीएलए के विद्रोहियों को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर मौजूद अपने ट्रेनिंग कैंप में इन आतंकियों को यह प्रशिक्षण दे रहा है। इस ट्रेनिंग का असर यह हो रहा है कि हाल ही में बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के एक मुख्यालय पर कब्जा करके कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में सक्रिय टीटीपी के एक आतंकी ने रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक को बताया कि इस ट्रेनिंग के बदले में बीएलए हमें बलूचिस्तान में घुसने में मदद कर रहा है। आतंकी ने बताया कि जब पाकिस्तानी सेना खैबर पख्तूनख्वा इलाके में आतंकवाद निरोधक अभियान चलाती है तो वे इससे बचकर बलूचिस्तान भाग जाते हैं। टीटीपी के ये कथित ट्रेनिंग कैंप अफगानिस्तान पाकिस्तान की सीमा पर मौजूद हैं।
बीएलए और टीटीपी दोनों ही लगातार पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहे हैं। टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को हटाकर उसकी जगह पर एक इस्लामिक शरिया कानून आधारित शासन लागू करना चाहते हैं। वहीं बलूच विद्रोही पाकिस्तान और चीन का जोरदार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये दोनों ही बलूचों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। उनके लोगों को मार रहे हैं।पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत दोनों ही अफगानिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं। इन दोनों ही गुटों ने तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिया है। पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान में पिछले साल 103 हमले हुए जिसमें 170 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा इलाके में सबसे ज्यादा हमले हुए।
इमरान खान का दावा, आतंकियों को विदेशी समर्थन
उधर, बलूचिस्तान में विद्रोहियों के हमले के बाद पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में हाल में हुए घातक हमलों में शामिल आतंकवादियों को विदेशी समर्थन प्राप्त था। पिछले हफ्ते प्रांत के नौशकी और पंजगुर इलाकों में बलूच विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले के बाद हुई झड़पों और परिणामस्वरूप चलाये गये अभियान में कम से कम नौ सैनिक और 20 आतंकवादी मारे गए थे।
प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। अलगाववादी संगठन ने हाल ही में सुरक्षा बलों और प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए हैं। सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि संघर्ष के दौरान उन्होंने आतंकवादियों और अफगानिस्तान तथा भारत में बैठे उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया था। पहले भी, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में कुछ आतंकी हमलों में भारत के शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि ‘सबूत’ के तथाकथित दावे उनकी कल्पना की उपज हैं।