चीन के साथ बिगड़े रिश्ते…भारत से ब्रह्मोस खरीद रहा फिलीपींस इतने खौफ में क्यों है?
हाइलाइट्स
- भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए फिलीपींस की डील
- इस साल चुनाव ,क्या चीन के दखल से एक बार फिर बदलेगी रणनीति
- 1946 आजादी के बाद से फिलीपींस का ध्यान आंतरिक सुरक्षा पर ही रहा
नई दिल्ली: फिलीपींस (Philippines) ने हाल ही में भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) के लिए पहला विदेशी सौदा किया है। यह ऐसे समय में हुआ है जब आसियान देशों के चीन (China) के साथ संबंध जटिल हो गए हैं। यह पहली बार होगा जब फिलीपींस के सशस्त्र बल इस प्रकार का हथियार हासिल करेंगे। मनीला के डी ला साले विश्वविद्यालय (De La Salle University) में इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर रेनाटो क्रूज डी कास्त्रो ने रुद्रोनील घोष के साथ फिलीपींस की रणनीति और सुरक्षा के लिहाज से इसके क्या मायने हैं इस बारे में बात की है।
कभी चीन के करीब कभी दूर
मुख्य रूप से चीन के समुद्री विस्तार के कारण बेनिग्नो एक्विनो के पिछले शासन के दौरान 2011 में धीरे-धीरे बदलाव शुरू हुआ। उस वक्त पैसे, नौकरशाही की परेशानियां और दूसरे मुद्दे थे जिसके कारण समय व्यतीत हो गया। यह सौदा अभी हो रहा है और इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रोड्रिगो दुतेर्ते प्रशासन के शुरुआती दौर में चीन के प्रति तुष्टीकरण की नीति अपनाई थी। दरअसल, तब चीन को फिलीपींस का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता था। पिछले कुछ वर्षों में यह सब बदल गया है।
यह बदलाव किस कारण हुआ इस पर प्रोफेसर रेनाटो क्रूज डी कास्त्रो ने बताया कि फरवरी 2020 में, राष्ट्रपति दुतेर्ते ने अमेरिका के साथ विजिटिंग फोर्सेज समझौते को निरस्त करने का निर्णय लिया। इसका सीधा मतलब था अमेरिका से दूर और चीन के करीब जाना। दुतेर्ते के फैसले के ठीक दो हफ्ते बाद चीनी जंगी जहाज फिलीपीन नौसेना के जहाज पर बंदूक ताने थी। इससे पहले भी चीन अपने कई वादे से मुकर गया। अंत में दुतेर्ते ने महसूस किया कि वह गलती कर रहे हैं और उन्होंने विजिटिंग फोर्सेज एग्रीमेंट की समाप्ति को स्थगित करने का फैसला किया।
इस साल चुनाव क्या चीन का बढ़ेगा दखल
पिछले साल जुलाई में उन्होंने टर्मिनेशन नोटिस वापस ले लिया, अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा संबंधों में सुधार किया, और यहां तक कि AUKUS के गठन की प्रशंसा की। क्या इससे दक्षिण चीन सागर में समीकरण बदल जाएगा? इस बारे में डी कास्त्रो ने बताया कि आपको याद रखना होगा कि इस साल हमारे चुनाव हैं। फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर उम्मीदवार हैं और जिसने पहले ही संकेत दिया है कि वह चुने जाने के बाद सब कुछ बदल देगा। मार्कोस ने कहा है कि चीन हमारा सबसे अच्छा दोस्त है और अगर वह सत्ता में आए तो एक बार फिर फिलीपीन सशस्त्र बलों का ध्यान दक्षिण चीन सागर से हटाकर आंतरिक सुरक्षा की ओर कर देगा। उनका तर्क यह है कि फिलीपींस चीन की बराबरी करने के लिए सैन्य क्षमताओं का निर्माण करने का कोई तरीका नहीं है।
कैसे होगा मुकाबला
कैसे मुकाबला होगा इस बारे में प्रोफेसर डी कास्त्रो ने बताया कि विशेष रूप से फिलीपींस अन्य आसियान देशों की तुलना में चीन पर सबसे कम निर्भर है। हम वास्तव में चीन केंद्रित आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा नहीं हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत जो कि इस क्षेत्र से बाहर हैं, सबसे अच्छा दांव क्वाड के माध्यम से इस पूरे क्षेत्र के लिए योजना बनानी होगी जापान का समर्थन हासिल करना होगा और एक अग्रणी भूमिका निभानी होगी।