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नेहरू के गुटनिरपेक्ष आंदोलन में चीन और पाकिस्‍तान ने चली ना’पाक’ चाल, भारत ने कर दिया खेल, ड्रैगन को झटका

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हाइलाइट्स

  • अजरबैजान में चीन और पाकिस्‍तान एक बड़ी चाल चलने की फिराक में थे
  • नैम में पाकिस्‍तान ने बीआरआई और सीपीईसी को नैम शामिल करने की चाल चली थी
  • लेकिन अपनी चतुर कूटनीति से भारत ने उसे फेल कर दिया और दोनों देशों के हाथ निराशा लगी

 

बीजिंग: अजरबैजान की राजधानी बाकू में चीन और पाकिस्‍तान एक ऐसी साजिश में व्‍यस्‍त थे, जिसे भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों से फेल कर दिया। बाकू में एक मंत्री स्‍तरीय मीटिंग में दोनों देशों ने बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) और चीन पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) तक ले जाने का मन बनाया था। नैम में बड़ी ही चालाकी से पाकिस्‍तान ने बीआरआई और सीपीईसी को शामिल करने वाली चाल खेली थी। लेकिन अपनी चतुर कूटनीति से भारत ने उसे फेल कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं कश्‍मीर पर भी भारत ने पाकिस्‍तान को जमकर धोया है।


पाकिस्‍तान के कंधे पर बंदूक
जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक भारत ने दक्षिण चीन सागर विवादों के संदर्भ में चीन के इशारे पर पाकिस्तान को कोशिशों को नाकाम कर दिया है। ऐसे दक्षिण पूर्व एशियाई देश जो नैम में भी शामिल हैं और दक्षिण चीन सागर में हिस्‍सेदार हैं, उन्‍होंने पाकिस्तान की योजनाओं को फेल करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम किया है। नैम डॉक्‍यूमेंट्स के मुताबिक कई दक्षिण एशियाई देश इस बात से नाराज हैं कि पाकिस्‍तान की तरफ से यह पहल की गई है जिसकी इस हिस्‍से में जरा भी भूमिका नहीं है। इकोनॉमिक्‍स टाइम्‍स की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। चीन, नैम में एक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल है। वह पिछले कई सालों से पाकिस्‍तान के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिशों में लगा है।

अजरबैजान भी हुआ खिलाफ
पाकिस्तान का करीबी सहयोगी अजरबैजान इस समय नैम का अध्‍यक्ष है। जनवरी 2024 के अंत में युगांडा के कंपाला में नैम का एक शिखर सम्‍मेलन होना है। इस सम्‍मेलन के बाद नैम की अध्‍यक्षता युगांडा को सौंप दी जाएगी। युगांडा वह देश है जो अफ्रीका में भारत का सहयोगी है। जानकारी के मुताबिक नैम के डॉक्‍यूमेंट्स में पाकिस्‍तान ने काफी कोशिशें की कि बीआरआई और सीपीईसी का जिक्र हो। लेकिन भारतीय राजनयिकों ने पाकिस्तानी प्रयासों को पूरी तरह से फेल कर दिया। जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक अजरबैजान ने भी पाकिस्‍तान की कोशिशों का समर्थन नहीं किया है।

कश्‍मीर मामले पर धोया
भारत हमेशा से सीपीईसी का विरोध करता आया है क्‍योंकि यह पीओके से होकर गुजरता है। भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है। बीआरआई पर भारत की आपत्तियां एससीओ दस्तावेजों में भी दर्ज हैं। भारत मानता है कि बीआरआई ने पाकिस्‍तान के अलावा कई देशों को कर्ज संकट की तरफ धकेल दिया है। लेकिन बाकू में सिर्फ बीआरआई, सीपीईसी या फिर दक्षिण चीन सागर का मसला ही नहीं था। मीटिंग में भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए तूफान का भी सामना किया। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने एनएएम मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि भारत, पाकिस्तान की ‘निराधार और आधारहीन टिप्पणियों’ को खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्‍तान ने इस मंच की पवित्रता को अपमानित किया है।

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