JNU में रेप की कोशिश करने वाले को दो रंगों वाली टोपी ने पकड़वा दिया
हाइलाइट्स
- पुलिस टीम ने 1000 सीसीटीवी कैमरों की देखी फुटेज
- पकड़े जाने तक आरोपी अपना रूटीन काम करता रहा
- वह वही टोपी पहनकर स्कूटर से उस दुकान पर जाता था
नई दिल्लीः जेएनयू कैंपस में 17 जनवरी की आधी रात पीएचडी छात्रा से रेप की कोशिश करने वाला 27 साल का आरोपी अक्षय दोलई कैसे पकड़ा गया? उसे पकड़ने में साउथ-वेस्ट दिल्ली पुलिस को छह दिन का वक्त क्यों लगा? वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी कहां गया और इतने दिन तक उसने क्या किया? इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए एनबीटी इस मामले की तह तक गया।
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आरोपी को पकड़ने में न तो स्केच ने पुलिस का साथ दिया, न मोबाइल फोन सर्विलांस और न ही डंप डेटा ने। पुलिस का साथ दिया तो वह थी आरोपी की दो रंगों वाली टोपी। यह पुलिस को आरोपी के घर तक ले गई। रात के वक्त खराब मौसम में कई कैमरों में आरोपी का सफेद रंग का स्कूटर और ब्लैक जैकेट भी ठीक से दिखाई नहीं दे रहे थे। पुलिस ने करीब 1000 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। सभी में आरोपी की डबल कलर वाली टोपी का पीछा करते हुए पुलिस आरोपी के मुनिरका वाले घर तक पहुंच गई। एक कैमरा आरोपी के घर के सामने भी लगा हुआ है।
छह दिन क्यों लगे आरोपी को पकड़ने में?
पहले दिन पुलिस को यही पता था कि आरोपी बाइक पर सवार था। छात्रा को आरोपी बाइक पर सवार लगा था। पुलिस बाइक खंगालती रही। 19 जनवरी को पता लगा कि आरोपी बाइक पर नहीं बल्कि सफेद रंग के स्कूटर पर सवार था। शुरुआत में पुलिस को लगा कि आरोपी जेएनयू कैंपस के अंदर का हो सकता है। दो दिन कैंपस के अंदर स्कूटर की पहचान करने में बर्बाद हो गए। इस बीच, सफेद रंग का एक स्कूटर जेएनयू वेस्ट गेट से बाहर निकलता दिखाई दिया। फुटेज काफी धुंधली थी। टोपी पहने स्कूटर सवार का पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से पीछा किया। इसके बाद पुलिस को सफलता हाथ लगी।
450 संदिग्धों से पूछताछ और 400 फोटो दिखाईं
मामले की जांच कर रही वसंत कुंज नॉर्थ थाना पुलिस की टीम ने पीड़ित छात्रा को करीब 400 संदिग्धों की फोटो दिखाई और तकरीबन 450 संदिग्धों से पूछताछ की। परिणाम कुछ नहीं निकला। 15 हजार से अधिक डंप डेटा की जांच शुरू की गई। जांच चल ही रही थी कि आरोपी पकड़ा गया।
तहकीकात में जुटे थे 250 पुलिसकर्मी
पुलिस के लिए यह ब्लाइंड केस था। इसे सुलझाने में साउथ-वेस्ट जिले के करीब 250 पुलिसकर्मी जुटे थे। जेएनयू से पढ़े और साउथ-वेस्ट दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा के नेतृत्व में एसीपी (ऑपरेशंस) अभिनेंद्र जैन, एसीपी अजय वेदवाल, इंस्पेक्टर एएटीएस और स्पेशल स्टाफ राजेश मलिक, थाने के एसएचओ सूर्या प्रकाश, इंस्पेक्टर विपिन कुमार, सबइंस्पेक्टर गौतम मलिक, संदीप यादव और अनुज कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने दिन-रात मेहनत करके मामले को सुलझाया।
वारदात के 30 मिनट बाद मुनिरका पहुंचा आरोपी
आरोपी ने 17 जनवरी की रात 11:35 बजे के आसपास वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने छात्रा से पांच वर्ड बोले। इससे पहले कि वह संभल पातीं आरोपी ने उन्हें सुनसान जगह में खींचने की कोशिश की। छात्रा के फोन निकालने पर आरोपी उनका फोन छीनकर भाग गया। मामले में रात 12:42 बजे पीसीआर कॉल हुई। आरोपी की उसी रात 11:48 बजे वेस्ट गेट से बाहर निकलने की धुंधली फोटो कैद हुई थी। वह रात 12:05 बजे मुनिरका पहुंचा था।
पत्नी ने नहीं खोला था गेट
आरोपी ने लव मैरिज की है। उसकी सात और पांच साल की दो बेटियां हैं। आरोपी की पत्नी की बहन वसंत कुंज इलाके के मसूदपुर गांव में रहती हैं। वह गर्भवती हैं। आरोपी की पत्नी अपनी बहन के घर जाना चाहती थीं, लेकिन आरोपी ने मना कर दिया था। इसी बात को लेकर 17 जनवरी की सुबह दोनों के बीच झगड़ा हुआ। आरोपी भीकाजी कामा प्लेस काम पर चला गया। पत्नी घर पर ताला लगाकर मसूदपुर चली गईं। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पहले मुनिरका अपने घर गया। घर बंद मिला, तो वह मसूदपुर गया। पत्नी ने गेट नहीं खोला। वह तड़के 4 बजे तक घर के बाहर ही बैठा रहा।
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आरोपी को लगा था कि पुलिस पकड़ नहीं पाएगी
आरोपी को यह लगने लगा था कि पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाएगी। मगर, पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अब इसकी एक दिन की रिमांड ली गई है। उसकी टीआईपी होनी है और छात्रा के फोन की फेंकी गई एक सिम भी बरामद की जानी है। पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद से पकड़े जाने तक आरोपी हर दिन अपना रूटीन काम करता रहा। वह वही टोपी पहनकर स्कूटर से दुकान पर भी जाता था। पुलिस का कहना है कि छात्रा और आरोपी दोनों पश्चिम बंगाल के हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते।