पैगंबर पर नूपुर के बयान का सिखों से बदला, इस्लामिक स्टेट ने कराया काबुल गुरुद्वारे पर हमला
हाइलाइट्स
- अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों के गुरुद्वारा कर्ते परवान पर भीषण आतंकी हमला हुआ है
- इस हमले में कम से कम 2 लोग मारे गए हैं और इसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के आईएसकेपी धड़े ने ली
- आईएसकेपी ने कहा है कि यह हमला पैगंबर पर नूपुर शर्मा के दिए अपमानजनक बयान के जवाब में किया गया
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि हम पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर शक जताया है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले आतंकियों ने गुरुद्वारे के गेट पर विस्फोट किया। इस दौरान गुरुद्वारे के अंदर 25 से 30 हिंदू और सिख शरण लिए हुए थे। इसके बाद आतंकी गुरुद्वारे के अंदर घुस गए और पूरे परिसर के अंदर जोरदार हमले शुरू कर दिए। इसी हमले में दो लोगों की मौत हो गई।
आईएसकेपी ने हमले के बाद जश्न मनाने वाले संदेश जारी किए
इसमें एक सिख नागरिक सविंदर सिंह की मौत हो गई। आईएसकेपी ने हमले के बाद जश्न मनाने वाले संदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सिख गुरुद्वारे पर हमला उसके सदस्यों ने पैगंबर पर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के अपमानजनक बयान के जवाब में किया है। इस हमले में तालिबान के 3 सैनिक भी घायल हुए हैं। अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने बताया कि हमलावरों ने दो तरफ से गुरुद्वारे के दो दरवाजों पर हमला किया। इससे पूरे गुरुद्वारे के अंदर आग लग गई। हमलावर हर तरफ हैंड ग्रेनेड फेंक रहे थे।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 20 मिनट के अंदर कम से कम 13 विस्फोट हुए। इसके बाद जमकर गोलीबारी हुई। हमलावरों ने गुरुद्वारे के बाहर खड़ी एक कार को भी विस्फोटकों से उड़ा दिया। अफगानिस्तान में हाल के दिनों में सिखों के धर्मस्थलों पर यह पांचवां बड़ा हमला है। इनमें से ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है। इससे पहले मार्च 2020 में गुरुद्वारा हर राई साहिब में हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे। वहीं साल 2018 में जलालाबाद में सिखों पर हुए हमले में 19 लोग मारे गए थे।
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तालिबान राज में अफगानिस्तान में बचे हैं मात्र 140 सिख
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘हम काबुल शहर में एक पवित्र गुरुद्वारे पर हुए हमले की घटना से बहुत चिंतित हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आगे की घटना के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ अतीत में भी इस्लामिक स्टेट इन खोरासन (आईएसकेपी ) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। बताया जा रहा है कि स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में पहले विस्फोट की आवाज सुनी गई। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।