ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, हमें 200 साल गुलाम रखने वाले UK को अब एक भारतवंशी चलाएगा
हाइलाइट्स
- दिवाली के दिन भारतीयों के लिए कलेजा ठंडा करने वाली खबर
- लिज ट्रस के बाद ऋषि सुनक बने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री
- बोरिस जॉनसन के रेस से हटने के बाद साफ हुआ सुनक का रास्ता
- आर्थिक तंगी से गुजर रहा है ब्रिटेन, सुनक के आगे कई चुनौतियां
इससे पहले सुनक ने ट्वीट किया था, ‘हमारे सामने और बड़ी चुनौतियां हैं। लेकिन यदि हम सही चुनाव करते हैं तो अवसर असाधारण हैं। मेरा काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, हमारे सामने जो सबसे बड़ी समस्याएं हैं, उनसे निपटने की स्पष्ट योजना है और मैं 2019 के घोषणापत्र में किए गए वादों पर काम करुंगा।’
The United Kingdom is a great country but we face a profound economic crisis.
That’s why I am standing to be Leader of the Conservative Party and your next Prime Minister.
I want to fix our economy, unite our Party and deliver for our country. pic.twitter.com/BppG9CytAK
— Rishi Sunak (@RishiSunak) October 23, 2022
क्यों लिज ट्रस को देना पड़ा था इस्तीफा?
महज 45 दिन तक सत्ता में रहीं लिज सबसे कम समय तक पीएम पद पर रहने वालीं ब्रिटेन की पीएम बनीं। ट्रस टैक्स कटौती का चुनाव वादा करके ही सितंबर की शुरुआत में पीएम बनीं थीं। हालांकि जब 23 सितंबर को वह मिनी बजट लाईं तो उसमें किए गए प्रावधानों ने वित्तीय बाजार में ऐसी हलचल मचाई कि ट्रस को वित्ती मंत्री को ही बर्खास्त करना पड़ा। ट्रस ने 6 सितंबर को पीएम पद संभाला था और 23 सितंबर को उनके वित्त मंत्री क्वासी क्वारतेंग जो मिनी बजट लाए, उसमें 45 अरब की टैक्स कटौती की बात कही गई। अमीरों के लिए टैक्स में 45% तक की कटौती की गई जबकि गरीबों के लिए कुछ खास नहीं था। इससे आगामी हफ्तों में वित्तीय बाजार में अस्थिरता आ गई।
लिज ट्रस ने क्यों दिया इस्तीफा?
हालात इस कदर बिगड़ गए कि वित्त मंत्री को आनन-फानन में हटाना पड़ा। नए वित्त मंत्री ने आते ही बजट प्रावधानों को ही वापस ले लिया। इससे ट्रस सरकार पर सवाल उठ गए कि न तो वह अपने चुनावी वादे पर टिकी रह पाईं और न ही उनके पास कोई ऐक्शन प्लान था। इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर ही उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया। पहले वित्त मंत्री, फिर भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा क्या दिया, खुलेआम कह दिया कि पीएम अपने चुनावी वादे पर नहीं टिकी रह सकीं। इससे ट्रस सरकार पूरी तरह अस्थिर हो चली।
क्या आम चुनाव है रास्ता?
ब्रिटेन में 2019 में हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी जीती थी। यूं तो आम चुनाव 2025 तक ही होने हैं, मगर विपक्षी लेबर पार्टी मध्यावधि चुनाव की मांग कर रही है। लेबर नेता सर कीर स्टार्मर ने कहा है कि इस उथल-पुथल से निकलने का आम चुनाव ही एक रास्ता बचा है।