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ये लो ₹1001… रेल प्रॉजेक्ट के लिए बजट में मिला ₹1000 तो गुस्साए युवक ने सरकार के नाम ही काट दिया चेक

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सीतामढ़ी/शिवहर: बिहार के बापूधाम मोतिहारी से सीतामढ़ी भाया शिवहर रेल परियोजना के लिए इस बार बजट में मात्र 1000 रुपये का प्रावधान किया गया है। यह बात शिवहर जिला के आर्यन चौहान को काफी खल गई। आर्यन इससे काफी ज्यादा नाराज हो गया। इसके बाद उसने जो किया वो हैरान करने वाला है। आर्यन ने गुस्से में आकर और एक तरह से विभाग को आईना दिखाने के लिए मंत्रालय को 1001 रूपयों का चेक भेज दिया है। यानी जितना आवंटन मिला था, उससे एक रुपया अधिक रेलवे को लौटा दिया है। अब इसके बाद आर्यन का ये कदम पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया है।

हजार रुपये का आवंटन भद्दा मजाक

बजट के बाद समस्तीपुर के डीआरएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विभिन्न परियोजनाओं के लिए मिले आवंटन की जानकारी दी थी। इसी दौरान बापूधाम-सीतामढ़ी रेल परियोजना के लिए मिले हजार रुपये के आवंटन का खुलासा किया था। यह बात सीतामढ़ी, शिवहर और मोतिहारी जिले के लोगों के बीच जंगल के आग की तरह फैली थी। इस आवंटन पर खासकर शिवहर के लोगों ने काफी नाराजगी व्यक्त की थी और इसे एक भद्दा मजाक करार दिया था। लोगों का कहना था कि जितना आवंटन दिया गया है, उससे अधिक राशि तो लोग शादी-विवाह के न्योता में दिया करते हैं।

पैसे लौटाकर किया गुस्से का इजहार

मामूली राशि के आवंटन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रेलवे की इस कार्यशैली से शिवहर जिले के आर्यन चौहान कितना खफा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आवंटित राशि से एक रुपया अधिक यानी 1001 रुपये चेक के माध्यम से रेल मंत्री को लौटा दिया है। इस बाबत आर्यन चौहान का कहना है कि जिस रेल परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है वहां केवल 1000 रुपये देना जिले का अपमान है। आर्यन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय की तरफ से अक्सर जिले के साथ भेदभाव किया जाता रहा है, अब यह भद्दा मजाक किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।

जरूरत पड़ने पर लोग करेंगे आंदोलन

आर्यन का कहना है कि इस परियोजना के लिए अगर रेल मंत्रालय गंभीर नहीं होगा और पर्याप्त धन आवंटित नहीं करेगा, तो जिले के युवा उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उसने स्थानीय भाजपा नेताओं से अनुरोध किया कि उनके लिए यह जिले के प्रति वफादारी साबित करने का उचित मौका है। वह इस मजाक को कतई बर्दाश्त न करते हुए सामूहिक इस्तीफा देकर यह बताएं कि पार्टी से बड़ी उनके लिए शिवहर है। बता दें कि उक्त परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2007 में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद ने किया था। बाद में रेलवे ने इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

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