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हिजाब vs भगवा शॉल… कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में यह क्या हो रहा है?

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हाइलाइट्स

  • कर्नाटक के उडुपी, चिकमंगलुरु समेत अन्य कॉलेजों में पहुंचा हिजाब मुद्दा
  • छात्राओं ने क्लास में हिजाब पहनने की जिद की तो छात्रों ने कहा डालेंगे भगवा शॉल
  • कॉलेजों में अब हिजाब और भगवा शॉल में पहुंच रहे छात्र
  • कई कॉलेजों में स्थितियां हुईं संवेदनशील, तनाव की स्थिति

बेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी स्कूल में हिजाब का मुद्दा सुलझा नहीं कि एक दूसरे कॉलेज में हिजाब पहनने के लेकर विवाद सामने आया। कुछ कॉलेजों में हिजाब पहनने के खिलाफ छात्रों ने भगवा शॉल पहनना शुरू कर दिया है। कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में मामला हिजाब बनाम भगवा शॉल का हो गया है।

कुंडापुर जूनियर कॉलेज में 28 लड़कियों ने हिजाब पहन रखा है और उनका मुकाबला करने के लिए 50 से ज्यादा लड़के भगवा शॉल पहन कर कॉलेज पहुंचे। विधायक हलदी श्रीनिवास शेट्टी, जो कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष हैं उन्होंने कॉलेज में माता-पिता और अन्य जिम्मेदारों के साथ बैठक की। छात्रों को केवल निर्धारित यूनिफॉर्म में आने को कहा गया है।

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मुस्लिम छात्राओं की मां ने उठाया मुद्दा
मुस्लिम छात्रों के माता-पिता ने कहा कि प्रवेश के समय उन लोगों को क्लास में हिजाब बैन को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई थी। कुंडापुर में 40.8 किमी दूर एक कॉलेज में हिजाब बनाम भगवा शॉल पर विवाद हुआ।

कोर्ट के निर्देशों का इंतजार
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के राज्य समिति सदस्य मसूद मन्ना ने कहा कि मंगलवार तक मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर क्लास अटेंड करती थीं। उन्हें अब बताया गया है कि वे हिजाब पहनकर कॉलेज आ सकते हैं, लेकिन हिजाब पहनकर कक्षाओं में नहीं जा सकती हैं। हम कोर्ट के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

उडुपी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स में प्रदर्शन कर रही छात्रा आलिया ने कहा कि उन्हें प्रिंसिपल के कक्ष के पास इंतजार करने के लिए कहा गया और बाद में क्लास में न जाने को कहा गया।

हिंदू जागरण वेदिक नेता जगदीश कुक्केहल्ली ने कहा कि हिंदू छात्र भगवा शॉल तब पहनना बंद करेंगे जब मुस्लिम लड़कियां बिना हिजाब के कक्षाओं में आएंगी। अगर मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनना जारी रखती हैं, तो हिंदू छात्र भगवा शॉल में कक्षाओं में भाग लेंगे।

2010 से यूनिफॉर्म कोड
शिवमोग्गा जिले के भद्रावती में एम. विश्वेश्वरैया गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के परिसर में भी बुधवार को हिंदू छात्रों के हिजाब पहनने के विरोध में भगवा शॉल में आने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यूनिफॉर्म कोड 2010 से ही लागू है। छात्र अनिवार्य रूप से यूनिफॉर्म में ही कक्षाओं में आए हैं। मुस्लिम छात्रों के लिए हिजाब बदलने और यूनिफॉर्म में कक्षाओं में आने के लिए अलग से कमरा उपलब्ध कराया गया है।

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2023 में होने हैं चुनाव, इसलिए सरकार संवेदनशील
छात्र मांग कर रहे हैं कि अगर हिजाब और बुर्का की अनुमति है, तो कक्षाओं में भगवा शॉल भी ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी की सरकार इस मुद्दे को लेकर संवेदनशीलता दिखा रही है।

होने लगे सेमिनार

इस बीच, राजनीतिक विकास एक सांप्रदायिक मोड़ ले रहा है जिससे शैक्षणिक माहौल को खतरा है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) इस बात पर सेमिनार कर रही है कि कैसे भाजपा सरकार मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देकर उनके संवैधानिक अधिकार को रौंद रही है।

सांप्रदायिक मोड़ ले रहा मुद्दा
हिंदू संगठनों ने मोर्चा संभाला और कहा कि अगर मुस्लिम छात्र हिजाब पहनकर स्कूल आएंगे तो हिंदू छात्र भी कक्षाओं में भाग लेने के दौरान भगवा शॉल पहनेंगे। जब श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने राज्य सरकार से उन छात्रों को निष्कासित करने का आग्रह किया, यह मुद्दा सांप्रदायिक मोड़ ले रहा है। परीक्षा के लिए दो महीने शेष हैं।

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