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झोपड़ी वालों के नाम पर लिया था लॉकर, करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति निकली

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हाइलाइट्स

  • सिक्योरिटी वॉल्ट पर आयकर विभाग की छापेमारी में हुए चौंकाने वाले खुलासे
  • 1 करोड़ जिसके नाम पर लॉकर में मिले वह परिवार गाजियाबाद में झुग्गी में रहता है
  • दिल्ली के एक फैक्ट्री कर्मचारी के नाम पर मिले लॉकर में 80 लाख से ज्यादा कैश मिला
नोएडा : ऊंचे लोग सयाने निकले, महलों में तहखाने निकले, आहों का अंदाज नया था, लेकिन जख्म पुराने निकले, जिनको पकड़ा था हाथ समझकर, वो केवल दस्ताने निकले…। सेक्टर-50 में रिटायर्ड आईपीएस के घर आयकर विभाग की छापेमारी और अब तक की जांच का सार मेरठ के कवि विज्ञान व्रत की इन पंक्तियों में है। महलनुमा मकान में बने तहखाने और सिस्टम का वही पुराना बेनामी संपत्ति का जख्म। लॉकर जिनके नाम से लेकर करोड़ों रुपये का कालाधन रखा गया था उन तक जब आयकर विभाग की टीम पहुंची तो पता चला कि उनके नाम किसी दस्ताने की तरह कालेधन वालों ने इस्तेमाल किया है। इस तरह सिक्योरिटी वॉल्ट में गरीब-मजदूरों के नाम पर लॉकर किराए पर रखकर उनमें करोड़ो का कैस रखे जाने का खुलासा हुआ है। ऐसे तकरीबन 15 लॉकर आयकर विभाग को इस सिक्यॉरिटी वॉल्ट की जांच में मिले हैं। इनसे करीब 5.77 करोड़ रुपये निकला कैश बेनामी था।

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सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम ने सिक्यॉरिटी वॉल्ट के सभी लॉकर के किराएदारों के नाम-पते का सत्यापन किया। 700 लॉकर में 15 के आसपास लॉकर ऐसे थे जिनकों किराये पर लेने वाले आ नहीं रहे थे। टीम ने लॉकर खुलवाकर दिए गए नाम पते पर नोटिस भिजवाना शुरू किया। नोटिस लेकर गए विभाग के कर्मचारियों को मौके पर कई ऐसे लॉकर किराएदार मिले जो दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोई कंपनी में 10 हजार की नौकरी कर परिवार किसी तरह पाल रहा है। कोई झोपड़ी में रहता था कोविड में लहर में नहीं रहा। इन परिवारों को लॉकर और वॉल्ट जैसी कोई जानकारी भी कभी नहीं थी। न ही ये कभी सिक्योरिटी वॉल्ट पर आए। नोटिस और सत्यानल में कुछ पते भी गलत निकले हैं।

1 करोड़ कैश होने की बात को माना मजाक
सूत्रों के मुताबिक विभाग की टीम एक लॉकर जिसके किराएदार और रखी हुई संपत्ति के मालिक का पता तलाशते हुए गाजियाबाद गई। वहां परिवार एक झुग्गी में रहता हुआ मिला। बेटा जो कि दिहाड़ी मजदूरी करता है उसने अपने पिता के नाम की पुष्टि कि जो लॉकर किराएदार के रेकॉर्ड में दर्ज था। बताया कि पिता की कोरोना से मौत हो गई। घर में एक अकाउंट जरूर है जिसमें 2 हजार रुपये हैं। न कभी परिवार ने लॉकर किराए पर लिया न कभी इतना पैसा देखा। उनके नाम से 1 करोड़ कैश होने की बात मजाक मानी। इसके अलावा दिल्ली के एक स्लम एरिया में किराये के कमरे में परिवार सहित रहकर कंपनी में 10 हजार रुपये की नौकरी करने वाले अनपढ़ शख्स के नाम से एक लॉकर मिला। सूत्रों के मुताबिक इस नाम के लॉकर में भी 1 करोड़ रुपये से ऊपर का कैश था। टीम जब उसका पता तलाशते हुए पहुंची तो घर की हालत देखकर हैरान रह गई। उस व्यक्ति ने बताया कि वह दो बेटियों, एक बेटे व पत्नी का पेट पालने के लिए संघर्ष कर रहा है। पिछले दो साल से नोएडा नहीं गया। न ही कभी कोई वहां अकाउंट या लॉकर खुलवाया।

आयकर विभाग की जांच पूरी
शनिवार से रिटायर्ड आईपीएस के घर में बने सिक्योरिटी वॉल्ट में चल रही आयकर विभाग की जांच बुधवार को लगभग पूरी हो गई। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बेनामी संपत्ति में 5.77 करोड़ रुपये कैश मिला है। 2.90 करोड़ रुपये की जो जूलरी मिली है वह एक शराब व्यवसायी के लॉकर की है। इस व्यवसायी को बुलाकर विभाग की टीम ने पूछताछ की। इसके साथ ही दस्तावेज भी मांगे हैं। इसलिए अभी इसे बेनामी नहीं कहा जा सकता। शाम को आयकर विभाग की टीम का कैश व जूलरी को सीज कर बक्से में लेकर निकलने की सूचना है।बेटे ने पढ़ा रिटायर्ड आईपीएस पिता का लिखित बयान
रिटायर्ड आईपीएस आर एन सिंह जिनके घर में यह सिक्यॉरिटी वॉल्ट चल रही है उनके परिवार की तरफ से बुधवार को अपना पक्ष रखा गया। बेटे सुयस सिंह ने घर के बाहर निकल कर पिता का लिखित बयान सुनाया। इसमें बताया कि वॉल्ट मेरे घर के बेसमेंट में है। वॉल्ट की फर्म पत्नी शशि सिंह के नाम पर है। बेटे इस वॉल्ट का संचालन करते हैं। लॉकर किराए पर देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। आयकर विभाग की टीम को जांच में पूरा सहयोग किया गया। मेरे परिवार के दो लॉकर वॉल्ट में थे। जांच की प्रक्रिया पूरी करवाई। कुछ लॉकर से जो बरामदगी हुई है उससे मेरा या मेरे परिवार का कोई संबंध नहीं हैं। बेटे सुयस सिंह ने पिता के इस बयान के अलावा किसी भी सवाल का जवाब देने या कुछ बोलने से इंकार किया। कहा जांच चल रही है। आयकर विभाग के अधिकारी ही बता पाएंगे।

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