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Rajouri Encounter: पाकिस्तान ने आतंकियों को दिए थे युद्ध वाले हथियार, जांच में चौंकाने वाला खुलासा!

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हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान आतंकवाद को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने से बाज नहीं आ रहा है
  • राजौरी अटैक की जांच में पाकिस्तान की करतूतों से एक बार फिर पर्दा उठ गया है
  • पाकिस्तान ने आतंकियों को युद्ध जैसे हथियार दे रखे थे, घटना में 5 जवान शहीद हुए थे

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शुक्रवार को आतंकियों ने तब हमारे जवानों को निशाना बनाया था जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग में भाग लेने भारत में ही थे। निश्चित रूप से हमारे हमारे पांच जवानों की वीरगति के लिए जिम्मेदारी आतंकी पाकिस्तान के ही टट्टू थे। अब इसके सबूत भी मिल रहे हैं। राजौरी के कंडी जंगल में हुई भयावह आतंकी वारदात की जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान ने उन आतंकियों को बड़े-बड़े हथियार दे रखे थे जिनका इस्तेमाल अमूमन युद्ध को दौरान होता है। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडियाटुडे.इन ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि राजौरी में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास बॉर्डर एक्शन टीम्स (BATs) के आतंकी दिखे हैं। बैट्स पाकिस्तान आर्मी और आतंकियों की मिलीजुली टीम है। बैट्स को पुंछ, राजौरी, मेंढर, कृष्णा घाटी और बिंबेर गली जैसे सेक्टरों में देखा गया। इंडिया टुडे के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि मुजाहिद बटालिया और बैट मिलकर आतंकियों की जंगल के रास्ते जम्मू सेक्टर
में घुसपैठ करवा रहे हैं।

पीओके में ऐक्टिव हैं आतंकी

इंटेलिजेंस सूत्रों की मानें तो बैट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में तीन जगहों पर ऐक्टिव है। सूत्र बताते हैं कि पीर कलंजर, दोतिला और केजी टॉप के पास के गांवों में आतंकियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीओके में लनजोत, निकैल, कोटली और खुइरट्टा जैसी जगहों पर भी आतंकियों की गतिविधियां देखी गई हैं। ये इलाके राजौरी और पुंछ सेक्टरों से सटे हैं। कालू और लंजोत में पाकिस्तानी आतंकियों के लॉन्च पैड्स हैं। ये जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी सेक्टर के ठीक सामने हैं।

घुसपैठ से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान जिन आतंकियों को बैट में शामिल करता है, उन्हें सेना की ट्रेनिंग देता है। बैट में पाकिस्तान आर्मी के कमांडो भी शामिल होते हैं। उन्हें एलओसी के चप्पे-चप्पे से वाकिफ कराया जाता है। उनकी पूरी ट्रेनिंग भारत की सीमा में घुसपैठ करने और कराने की होती है। बैट को स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) तैयार करता है। जब आतंकियों की घुसपैठ करानी होती है तब बैट्स एलओसी पर फायरिंग करने लगती है। इसी गोलीबारी की आड़ में आतंकी घुसपैठ की कोशिश करते हैं।

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