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जनसंख्या नियंत्रण कानून:क्यों है कार्तिकेय और कांग्रेस सांसद तन्खा की एक राय ?

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भोपाल. जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Act) को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान (Kartikeya Singh Chouhan) और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek Tankha) के एक सुर निकल कर सामने आए हैं. दोनों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया है. हालांकि दोनों यह चाहते हैं कि यह कानून संतुलित तरीके से सामने आना चाहिए.

जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर किये अपने ट्वीट में विवेक तन्खा ने लिखा है कि जनसंख्या नियंत्रण का मैं समर्थक हूं. यह देश हित में है, मगर उसके राजनीतिकरण का विरोधी हूं. तन्खा के मुताबिक संजय गांधी ने इमरजेंसी के दौरान सही बात, गलत तरीके से की. बीजेपी से आग्रह है की इस राष्ट्रीय मिशन को पार्टी के वोट इशू से ऊपर रखें. नहीं तो राष्ट्र फिर पिछड़ जाएगा.

कार्तिकेय ने क्या कहा था ?

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अपनी राय रखकर इसका समर्थन कर चुके हैं. कार्तिकेय सिंह चौहान ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर न्यूज़ 18 से खास बातचीत में कहा था कि भारत की जनसंख्या जिस हिसाब से बढ़ रही है उसमें हमारे पास रिसोर्स तो उतने ही हैं. हमारे पास इस वक्त ऐसी स्थिति बन गई है कि हम अपने रिसोर्स से ज्यादा इस देश को आगे धकेल रहे हैं. अगर यही हालात रहे तो पर कैपिटल रिसोर्सेस देश में कम पड़ जाएंगे.

गरीबी का मुख्य कारण यह है कि हम अपनी जनसंख्या को संभालने में समर्थ नहीं हैं. इस दिशा में सरकारों को पहल करनी चाहिए. कानून लाया जाना चाहिए, लेकिन कानून बैलेंस तरीके से लाया जाना चाहिए. जनसंख्या नियंत्रण कानून देश के लिए जरूरी है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जारी राजनीति को लेकर कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा था कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

एमपी में उठ रही कानून की मांग

यूपी के बाद एमपी में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग उठ रही है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 10 सालों में एमपी की आबादी 1.5 करोड़ बढ़ी है. प्रदेश के विकास, सुरक्षा, सुशासन के लिए जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून. कई पश्चिमी देश जो साधन संसाधन में हमसे कहीं आगे उन देशों की अपेक्षा मध्यप्रदेश की जनसंख्या कहीं अधिक है.

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