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घोसी में राजभर की राजनीतिक चमक कम करने वाले महेंद्र कौन? पीएम मोदी के कटप्पा ने ही दिया झटका

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मऊ: उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा उपचुनाव ने ओम प्रकाश राजभर की राजनीति को खासा नुकसान पहुंचा है। ओम प्रकाश राजभर लगातार दावा कर रहे थे कि वह अपने साथ पूर्वांचल में राजभर वोट बैंक को साथ लेकर चलते हैं। वे जिस गठबंधन के साथ रहेंगे, वोट बैंक भी उसी तरफ शिफ्ट होगा। भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने के दौरान उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया कि राजभर समाज का वोट बैंक उनके साथ शिफ्ट होगा। इसकी परीक्षा घोसी विधानसभा उपचुनाव में होनी थी। लेकिन, घोसी की जनता ने राजभर को बड़ा झटका दे दिया है। घोसी उप चुनाव में सुधाकर सिंह की भारी जीत ने ओम प्रकाश राजभर की राजनीतिक चमक को फीका किया है। इसके पीछे अगर किसी एक शख्स का हाथ माना जाए तो वह महेंद्र राजभर बताए जा रहे हैं। महेंद्र राजभर को एक समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटप्पा कहकर संबोधित किया था। कटप्पा मतलब वफादार सिपाही। अब वही वफादार सिपाही ओम प्रकाश राजभर की राजनीति के सामने चट्‌टान बनकर खड़े हो गए हैं।

 

कौन हैं महेंद्र राजभर?

मऊ विधानसभा सीट पर राजभर समाज के वोटो की संख्या करीब 50 हजार है। यह वोट बैंक किसी भी उम्मीदवार की जीत- हार में बड़ी भूमिका निभाता रहा है। इस बार हुए विधानसभा उपचुनाव में राजभर वोट बैंक दो फार में बंटा हुआ दिखा। इसके पीछे महेंद्र राजभर का हाथ बताया जा रहा है। महेंद्र राजभर सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कभी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ चलने वाले महेंद्र राजभर ने अपनी अलग धारा बनाई है। ओम प्रकाश राजभर लगातार उन्हें खारिज करते रहे हैं, लेकिन महेंद्र राजभर ने घोसी उपचुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत का परिचय दिया है।

महेंद्र राजभर को एक समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटप्पा कहकर संबोधित किया था। उसके बाद से मऊ के इलाके में उन्हें महेंद्र कटप्पा के नाम से भी जाना जाता है। इसी कटप्पा ने ओम प्रकाश राजभर की राजनीतिक चमक को फीका कर दिया है। घोसी उप चुनाव में उन्हें किसी ने नहीं पूछा तो सुधाकर सिंह के पक्ष में खड़े हो गए और राजभर वोट बैंक को भेद कर अपनी महत्ता साबित कर दी।

 

2017 के चुनाव में मिला था नाम

महेंद्र राजभर को कटप्पा नाम पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिया था। पीएम मोदी ने मऊ के चुनावी मंच से उन्हें महेंद्र कटप्पा कहकर संबोधित किया था। इसके बाद से इलाके में उन्हें कटप्पा के नाम से ही जाना जाने लगा। शालीन व्यक्तित्व और परिपक्व भाषण के कारण आम लोगों वे गहरा प्रभाव डालते हैं। उन्हें ओम प्रकाश राजभर के विकल्प के तौर पर भी देखा जाने लगा है। ऐसे में महेंद्र राजभर अब सपा के लिए ओपी राजभर की भूमिका में दिख सकते हैं। महेंद्र राजभर ने साबित कर दिया है कि सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का वजूद और वजन दोनों इलाके में है।

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