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आजमगढ़ में कान के भीतर ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर दे रहा था VDO परीक्षा, इस टेक्नोलॉजी को जानते हैं आप?

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आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में कान के भीतर ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा देते अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है। दरअसल, सोमवार को विलेज डेवलपमेंट अफसर की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में नकल और प्रश्न पत्र लीक कराने के प्रयास भी किए गए। यूपी एसटीएफ की ओर से परीक्षा पर नजर रखी गई। यूपी एसटीएफ ने इस प्रकार के प्रयास के मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से जिस प्रकार के उपकरण बरामद किए गए हैं, उस पर अब सवाल उठने लगा है। हाईटेक डिवाइस के जरिए नकल को अंजाम देने का प्रयास किया गया। पकड़े गए अभ्यर्थी ने कान के भीतर ब्लूटूथ डिवाइस लगा रखी थी। इसके जरिए वह बाहर में अपने साथियों तक प्रश्न पत्र और अन्य परीक्षा संबंधी जानकारी पहुंचाने और प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रयास कर रहा था।

एसटीएफ की कार्रवाई में कई उपकरण बरामद

एसटीएफ की कार्रवाई में कई आधुनिक उपकरण बरामद किया गया। अभ्यर्थियों और मददगारों के पास से मोबाइल फोन और ब्लूटूथ डिवाइस बरामद किए गए हैं। इसके अलावा ईयरपॉड, एयरपॉड जैसे उपकरणों की भी बरामदगी हुई है। सॉल्वर गैंग के सदस्य इन उपकरणों के जरिए परीक्षा भवन में बैठे अभ्यर्थियों की मदद का प्रयास कर रहे थे। उनसे संपर्क करने की कोशिश करते पड़े गए। 14 गिरफ्तारियों के बाद बड़े खुलासे सामने आए हैं। प्रतियोगी परीक्षा 2018 के री-एग्जामिनेशन के दौरान बड़े पैमाने पर नकल और पेपर आउट की कोशिश की गई। इस पर एसटीएफ ने काबू पाया है।

कान में ब्लूटूथ लगाकर पहुंचे थे अभ्यर्थी

कान के भीतर अभ्यर्थी ब्लूटूथ लगाकर पहुंचे थे। पुलिस ने डॉक्टर को बुलाकर इस ब्लूटूथ को निकलवाया। आजमगढ़ के जहानाबाद के रहने वाले कमलेश यादव के पास से एक ब्लूटूथ डिवाइस बरामद की गई। इसके अलावा एक ईयर बड, सिम कार्ड, बैटरी और ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत अधिकारी का एक एडमिट कार्ड बरामद किया गया। आजमगढ़ के ही मानपुर निवासी राहुल यादव की निशानदेही पर उसे पकड़ा गया। राहुल यादव के पास से भी कई उपकरण बरामद किए गए।

कैसे काम करता है ब्लूटूथ डिवाइस?

ब्लूटूथ डिवाइस को कान के भीतर फिट किया जाता है। यह एक मोबाइल डिवाइस से कनेक्टेड होता है। अमूमन परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी बैग लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचते हैं। उसमें मोबाइल को कॉल पर लगाकर रख देते हैं। इससे उनका ब्लूटूथ डिवाइस कनेक्टेड रहता है। इसके जरिए वे बाहर में खड़े सॉल्वर गैंग के सदस्यों से परीक्षा में आए सवालों का हल कराते हैं। राहुल कुमार ने खुलासा किया कि 8 लाख रुपए में उसने परीक्षा में सफलता के लिए सौदा किया था। सॉल्वर गैंग इसी प्रकार की स्थिति में अपने कार्य को पूरा कराते हैं।

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